भारत खेलों का देश है, जहाँ क्रिकेट, हॉकी और बैडमिंटन जैसे खेलों के सितारे हर घर में पहचाने जाते हैं। लेकिन इन खेलों के पीछे कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो मंच पर नहीं, बल्कि पर्दे के पीछे रहकर इतिहास रचते हैं। ऐसे ही एक महान नाम हैं कोच गौरव खन्ना, जिन्होंने भारतीय पैरा-बैडमिंटन टीम को विश्वस्तर पर नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
इस लेख में हम गौरव खन्ना की नेट वर्थ, कोचिंग करियर, इनकम सोर्स, अवॉर्ड्स, और उनकी जीवन यात्रा के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह पूरी जानकारी 2025 के अपडेट के अनुसार तैयार की गई है|
गौरव खन्ना कौन हैं?
गौरव खन्ना भारत के मशहूर पैरा-बैडमिंटन कोच Indian Para Badminton Coach हैं जिन्होंने भारत को पैरालंपिक, विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों में कई स्वर्ण पदक जिताए हैं। वे भारतीय पैरा-बैडमिंटन राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच (Head Coach) के रूप में कार्यरत हैं।

उनकी कोचिंग में भारत के कई खिलाड़ी जैसे —
- प्रमोद भगत,
- सुहास एल. वाई.,
- मानसी जोशी,
- पल्लवी जोशी
आदि ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।
Gaurav Khanna Net Worth 2025
कई मीडिया रिपोर्ट्स और खेल जगत के विश्लेषण के अनुसार, गौरव खन्ना की कुल नेट वर्थ (Gaurav Khanna Net Worth 2025) लगभग ₹8 करोड़ से ₹10 करोड़ रुपये के बीच आंकी जाती है।
गौरव खन्ना की आय के मुख्य स्रोत:
- कोचिंग सैलरी:
गौरव खन्ना भारतीय पैरा-बैडमिंटन टीम के हेड कोच हैं और उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) तथा बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) से नियमित सैलरी मिलती है। - स्पॉन्सरशिप और अवॉर्ड्स:
गौरव खन्ना को कई ब्रांड्स और खेल संस्थाओं से स्पॉन्सरशिप और इनाम राशि प्राप्त हुई है। - सरकारी सम्मान और पुरस्कार:
उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार Dronacharya Award Gaurav Khann जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से भी नवाजा गया है, जिसके साथ नकद राशि भी दी जाती है। - स्पोर्ट्स एकेडमी:
वे गौरव खन्ना एक्सक्लूसिव बैडमिंटन एकेडमी चलाते हैं जहाँ देशभर के युवा खिलाड़ी ट्रेनिंग लेते हैं। इससे भी उनकी इनकम का एक बड़ा हिस्सा आता है।
गौरव खन्ना की कोचिंग यात्रा
गौरव खन्ना ने पैरा-बैडमिंटन की कोचिंग की शुरुआत तब की जब इस खेल को भारत में बहुत कम लोग जानते थे। उन्होंने शारीरिक रूप से चुनौतीग्रस्त खिलाड़ियों को मुख्यधारा के खेल में शामिल करने की पहल की।
उनकी कोचिंग में भारत ने –
- टोक्यो पैरालंपिक 2020 में कई मेडल जीते,
- विश्व पैरा-बैडमिंटन चैम्पियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किए,
- और एशियाई पैरा गेम्स 2023 में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।
गौरव खन्ना के प्रमुख उपलब्धियाँ
| वर्ष | उपलब्धि | विवरण |
|---|---|---|
| 2015 | राष्ट्रीय कोच बने | भारतीय पैरा-बैडमिंटन टीम के हेड कोच बने |
| 2020 | टोक्यो पैरालंपिक | प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक जीता |
| 2021 | द्रोणाचार्य पुरस्कार | भारत सरकार द्वारा सम्मानित |
| 2023 | एशियाई पैरा गेम्स | भारतीय टीम ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया |
गौरव खन्ना की लाइफस्टाइल और संपत्ति
गौरव खन्ना एक साधारण और अनुशासित जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं। हालांकि उनकी नेट वर्थ करोड़ों में है, फिर भी वे भव्य जीवनशैली के बजाय खेल और खिलाड़ियों की प्रगति पर ध्यान देते हैं।
संपत्ति विवरण:
- घर: लखनऊ, उत्तर प्रदेश में उनका खुद का आलीशान घर है।
- कार कलेक्शन: उनके पास कुछ प्रीमियम कारें हैं जैसे Hyundai Tucson और Honda City।
- एकेडमी निवेश: उन्होंने अपने एकेडमी में लाखों रुपये का निवेश किया है ताकि देश के पैरा-एथलीट्स को बेहतर सुविधा मिल सके।

गौरव खन्ना के विचार
गौरव खन्ना का मानना है कि –
“शारीरिक सीमाएँ नहीं, मानसिक ताकत ही असली पहचान बनाती है।”
उनका यह नजरिया उनके हर खिलाड़ी में झलकता है। वे हमेशा कहते हैं कि “कोचिंग सिर्फ तकनीक सिखाना नहीं, बल्कि आत्मविश्वास पैदा करना है।”
गौरव खन्ना की कोचिंग फिलॉसफी
उनकी कोचिंग फिलॉसफी “Inclusivity and Determination” पर आधारित है।
वे हर खिलाड़ी को यह सिखाते हैं कि चुनौतियाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों, दृढ़ इच्छाशक्ति से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
उन्होंने अपने करियर में 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मेडलिस्ट पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
गौरव खन्ना की शिक्षा और शुरुआती जीवन
गौरव खन्ना का जन्म उत्तर प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें खेलों का शौक था, विशेषकर बैडमिंटन का। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में बैडमिंटन कोचिंग में करियर चुना।
शुरुआती दिनों में उन्हें संसाधनों की कमी, सामाजिक जागरूकता की कमी और आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
गौरव खन्ना को मिले प्रमुख सम्मान
- द्रोणाचार्य पुरस्कार (2021)
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष सम्मान
- राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन फेडरेशन द्वारा सम्मानित
- Asian Para Sports Committee से Recognition Award
इन पुरस्कारों ने न केवल उनके प्रयासों को मान्यता दी, बल्कि पैरा-बैडमिंटन को भी भारत में नई पहचान दिलाई।
मीडिया और लोकप्रियता
आज गौरव खन्ना को मीडिया और खेल प्रेमी “Indian Para Badminton Revolution Coach” के नाम से जानते हैं।
उनके नाम पर डॉक्युमेंट्री और खेल कार्यक्रम भी बन चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, खासकर खेल प्रेमियों के बीच।
समाज सेवा और योगदान
गौरव खन्ना केवल कोच ही नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी हैं।
वे अपने एकेडमी के ज़रिए आर्थिक रूप से कमजोर पैरा-एथलीट्स को फ्री ट्रेनिंग और उपकरण सहायता प्रदान करते हैं।
वे कहते हैं —
“हर खिलाड़ी को समान अवसर मिलना चाहिए, चाहे उसकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों।”
गौरव खन्ना की भविष्य की योजनाएँ
2025 में गौरव खन्ना का फोकस आगामी पेरिस पैरालंपिक 2028 की तैयारी पर है।
वे भारत को और अधिक स्वर्ण पदक दिलाने का सपना देख रहे हैं और इसके लिए देशभर में टैलेंट सर्च प्रोग्राम चला रहे हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)
गौरव खन्ना की कहानी सिर्फ एक कोच की नहीं, बल्कि एक संघर्ष, समर्पण और सफलता की प्रेरक गाथा है।
उनकी मेहनत से आज भारत पैरा-बैडमिंटन के क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर बन चुका है।
उनकी नेट वर्थ, प्रभावशाली करियर, और देश के प्रति निष्ठा उन्हें हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाते हैं।
वो साबित करते हैं कि अगर दिल में जुनून हो तो कोई भी सपना असंभव नहीं।
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