भारत की धरती ने कई ऐसे रत्न पैदा किए हैं जिन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया है। इन्हीं में से एक हैं पैरा आर्चर शीतल देवी (Sheetal Devi) — जिनके पास हाथ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने पैरों से वो कर दिखाया जो दुनिया के कई लोग हाथों से भी नहीं कर पाते। आज शीतल देवी न केवल देश का नाम रोशन कर रही हैं बल्कि लाखों युवाओं, खासकर दिव्यांग लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
इस लेख में हम जानेंगे — Sheetal Devi Net Worth (नेट वर्थ), आय के स्रोत, पुरस्कार, परिवार, करियर की शुरुआत, और उनकी सफलता की कहानी।
शीतल देवी कौन हैं? (Who is Sheetal Devi)
शीतल देवी जम्मू-कश्मीर के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं। उनका जन्म बिना हाथों के हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी अपनी कमजोरी को हार नहीं बनने दिया। बचपन से ही उनके अंदर आत्मविश्वास और जिद थी कि वो जीवन में कुछ बड़ा करेंगी।
उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उन्होंने अपने पैरों से तीरंदाजी करना सीखा। उनके कोच ने उन्हें देखा तो पहले तो विश्वास नहीं हुआ कि कोई पैर से धनुष चला सकता है। लेकिन शीटल ने सबको गलत साबित कर दिया।

आज वह दुनिया की पहली महिला पैरा आर्चर हैं जो पैरों से तीरंदाजी करती हैं और भारत के लिए एशियन गेम्स, पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
Sheetal Devi Net Worth 2025 (शीतल देवी की कुल संपत्ति)
साल 2025 तक शीतल देवी की अनुमानित नेट वर्थ लगभग ₹1.2 करोड़ से ₹1.5 करोड़ के बीच मानी जाती है।
उनकी कमाई के मुख्य स्रोत इस प्रकार हैं:
- सरकारी इनाम और पुरस्कार
- एशियन पैरागेम्स 2023 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद शीतल को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से लगभग ₹50 लाख तक का नकद पुरस्कार मिला।
- इसके अलावा जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें सरकारी सम्मान और आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
- स्पॉन्सरशिप और ब्रांड डील्स
- शीतल देवी अब स्पोर्ट्स ब्रांड्स और संस्थाओं की ओर से स्पॉन्सर की जा रही हैं।
- उनका नाम अब पैरा स्पोर्ट्स जगत में इतना बड़ा हो चुका है कि कई कंपनियां उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहती हैं।
- सरकारी नौकरी और सुविधाएँ
- शीतल को खेल मंत्रालय की ओर से खेल कोटा में सरकारी नौकरी की संभावना मिली है।
- उन्हें सरकार द्वारा फ्री ट्रेनिंग, उपकरण, और यात्रा भत्ता भी दिया जाता है।
- पब्लिक अपीयरेंस और फेलोशिप
- वह विभिन्न खेल आयोजनों, टीवी शो और समारोहों में शामिल होती हैं, जिससे उन्हें स्पीकिंग फीस और अवॉर्ड मनी भी मिलती है।
अनुमानित वार्षिक आय: ₹15-20 लाख
कुल नेट वर्थ (2025): ₹1.2 से ₹1.5 करोड़
Sheetal Devi Awards and Achievements (पुरस्कार और उपलब्धियां)
| वर्ष | प्रतियोगिता | पदक | विवरण |
|---|---|---|---|
| 2022 | पैरा आर्चरी वर्ल्ड कप | स्वर्ण | भारत के लिए ऐतिहासिक जीत |
| 2023 | एशियन पैरा गेम्स, हांगझोऊ | 2 स्वर्ण, 1 रजत | पहली भारतीय महिला जिसने यह उपलब्धि हासिल की |
| 2024 | पैरा वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप | रजत | शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीता |
उनके शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें “Best Female Para Athlete of the Year” जैसे कई सम्मान भी मिल चुके हैं।
शीतल देवी का बचपन और संघर्ष (Childhood and Struggle)
शीतल का जन्म जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हुआ था। जब वह छोटी थीं, तब गांव के लोग उनके माता-पिता को कहते थे कि यह लड़की कुछ नहीं कर पाएगी। लेकिन उनके परिवार ने हार नहीं मानी।
उनके पिता किसान हैं, और मां गृहिणी। आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी, लेकिन जब शीटल को खेलों में दिलचस्पी दिखी, तो उनके माता-पिता ने उन्हें हरसंभव सहयोग दिया।

जब उन्होंने स्कूल में आर्चरी देखी, तो उनके मन में भी इसे सीखने की इच्छा जागी। लेकिन हाथ न होने की वजह से यह असंभव लग रहा था। यहीं से शुरू हुआ उनका संघर्ष और चमत्कारिक सफर।
उनके कोच इमरान अली और राजन सिंह ने उन्हें प्रेरित किया कि अगर अमेरिकी आर्चर Matt Stutzman पैरों से तीर चला सकते हैं, तो वो भी कर सकती हैं। इसके बाद शीतल ने पैरों से तीरंदाजी सीखनी शुरू की — और महज 2 साल में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम चमका दिया।
Sheetal Devi’s Inspirational Message (प्रेरणादायक संदेश)
शीतल देवी का कहना है —
“मेरे पास हाथ नहीं हैं, लेकिन भगवान ने मुझे मजबूत हौसले दिए हैं। अगर आप सच्चे दिल से कोशिश करो तो कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं होती।”
यह वाक्य आज लाखों दिव्यांग और सामान्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।
सोशल मीडिया और लोकप्रियता (Social Media Presence)
आज शीतल देवी सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं। उनके वीडियोज़ इंटरनेट पर वायरल होते रहते हैं।
- Instagram: @sheetaldevi_official
- Twitter (X): @sheetaldevi
- Followers (2025): लगभग 2 लाख से अधिक
उनकी सादगी, मुस्कान और जज्बा लोगों को जोड़ता है।
सरकार और जनता का सम्मान (Government Recognition)
भारत सरकार ने शीतल देवी को पैरा स्पोर्ट्स में ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया है।
- उन्हें “अर्जुन पुरस्कार” के लिए नामांकित किया गया है।
- जम्मू-कश्मीर सरकार ने उन्हें राज्य गौरव पुरस्कार से नवाजा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से शीतल की प्रशंसा की और कहा — “शीतल देवी भारत की असली शक्ति का प्रतीक हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि इच्छाशक्ति से सब संभव है।”
शीतल देवी की प्रेरणा का स्रोत
शीतल देवी ने कहा है कि उनकी प्रेरणा हैं पैरा आर्चर Matt Stutzman, जिन्होंने बिना हाथों के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आर्चर्स में अपना नाम दर्ज कराया।
उनके कोचों और स्पोर्ट्स अथॉरिटीज ने उन्हें लगातार सपोर्ट किया। यह भी दिखाता है कि भारत अब दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान अवसर देने लगा है।
भविष्य की योजनाएँ (Future Goals)
शीतल देवी अब 2028 के पैरालंपिक गेम्स (Los Angeles) की तैयारी कर रही हैं। उनका लक्ष्य भारत को गोल्ड मेडल दिलाना है।
इसके अलावा वह देश के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों को प्रेरित करना चाहती हैं कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, अगर इच्छा मजबूत है तो जीत निश्चित है।
निष्कर्ष (Conclusion)
शीतल देवी की कहानी केवल एक पैरा एथलीट की नहीं, बल्कि मानव इच्छाशक्ति की मिसाल है। बिना हाथों के जन्म लेने वाली इस बेटी ने अपने पैरों से तीर चला कर पूरी दुनिया को दिखा दिया कि सीमाएँ शरीर में नहीं, मन में होती हैं।

आज शीतल देवी करोड़ों की नेट वर्थ की मालिक हैं, लेकिन असली संपत्ति उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और प्रेरणा है, जो आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखाती रहेगी।
Quick Summary (मुख्य बिंदु)
| बिंदु | जानकारी |
|---|---|
| नाम | शीतल देवी (Sheetal Devi) |
| जन्म स्थान | किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर |
| पेशा | पैरा आर्चर (Para Archer) |
| नेट वर्थ 2025 | ₹1.2 – ₹1.5 करोड़ |
| मुख्य स्रोत | इनाम, स्पॉन्सरशिप, सरकारी सहायता |
| उपलब्धियाँ | एशियन गेम्स 2023 – 2 स्वर्ण, 1 रजत |
| प्रेरणा | Matt Stutzman |
| लक्ष्य | पैरालंपिक 2028 में गोल्ड मेडल |
अगर आप भी किसी बाधा से जूझ रहे हैं, तो शीतल देवी की कहानी से सीखें —
“अगर हौसला बुलंद हो, तो असंभव कुछ भी नहीं।”
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